विवेक शर्मा, भाजपा प्रवक्ता ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा हिमाचल प्रदेश में विद्युत आपूर्ति पर घरेलू उपभोक्ताओं को 2 से 6 पैसे और उद्योगों को 4 से 10 पैसे प्रति यूनिट बिजली पर मिल्क सेस देना होगा और मुख्यमंत्री बिजली सब्सिडी छोड़ने का आह्वान ऐसे कर रहे हैं
जैसे गत 1964 में सूखा पड़ने पर परम् श्रद्धेय लाल बहादुर शास्त्री ने बुधवार का उपवास रखने के लिए आह्वान किया था।
लेकिन उन्होंने 19 करोड़ की लागत से अपने लिए सचिवालय में कोई कार्यालय नहीं बनवाया, अपितु जून माह में हिमाचल के मुख्यमंत्री सचिवालय के कार्यालय में प्रवेश करेंगे ।
कांग्रेस व्यवस्था परिवर्तन के बोझ तले दबी जा रही है। बजट प्रावधान न होने का स्तुति गान करके 1800 से अधिक संस्थान बंद करने वाली सरकार, बजट प्रावधानों के पश्चात भी
हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग की 13 परियोजनाओं का 3.72 करोड़,
पशुपालन विभाग की 48 योजनाओं का 5.60 करोड़,
स्वास्थ्य विभाग की 182 योजनाओं का 65.90 करोड़,
आयुर्वेदिक विभाग की 63 योजनाओं का 7.54 करोड़,
तकनीकी शिक्षा की 11 योजनाओं का 4.97 करोड़,
शिक्षा विभाग की 302 योजनाओं का 101.65 करोड़,
लोकनिर्माण विभाग की 619 योजनाओं का 190 करोड़, आखिर लैंप्स होने की कगार पर क्यों खड़ा हो गया है। सरकार खर्च क्यों नहीं कर पा रही, मुख्यमंत्री जनता को जवाब दें।
सरकार की अधिकृत रिपोर्ट के अनुसार 150 से अधिक योजनाएं लेट लतीफी के कारण ठंडे बस्ते में है।
337 योजनाएं नाबार्ड के अंतर्गत प्रभावित हो रही हैं।
इन्हें प्रदेश की किन उपलब्धियां में गिना जाए सरकार बताएं।
रिपोर्ट के अनुसार 820 करोड रुपए ठेकेदारों की देनदारी सरकार के समक्ष खड़ी है।
गत धर्मशाला में विधानसभा में पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य ने कहा था वर्तमान में लोक निर्माण विभाग की 1002 करोड़ रुपए की देनदारियां खड़ी हैं।
292 करोड रुपए तो सिक्योरिटी डिपॉजिट ठेकेदारों का सरकार के पास पड़ा है।
दूसरी और Infrastructure development economy
“निर्माणात्मक अर्थव्यवस्था” की रिपोर्ट के अनुसार गत वर्ष में निर्माण सामग्री के दाम 57% तो सीमेंट के दाम 30% तक बड़े हैं।
लेबर कॉस्ट 150% तक बड़ी है।
हिमाचल प्रदेश में प्रवासी मजदूरों की संख्या 57% घटी हैं।
इसका मुख्य कारण है केंद्र की राष्ट्रीय स्तर पर मानव उत्थान नीति वा योजनाएं।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत 283% की बढ़ोतरी हुई है।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण क्षेत्रों में 2 करोड़ 64 लाख से अधिक घरों को समर्पित कर चुकी है।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना घर-घर बल्ब जला चुकी है। जल जीवन मिशन ने 77.98% जल आपूर्ति की है।
देश के 95.15% गांव इंटरनेट, 3G, 4G कनेक्टिविटी से जुड़े हैं।
उधर हिमाचल में आज कौन सा ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर है जो न्यायालय और सरकार के विरोध में नहीं खड़ा है।
प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन की नहीं सत्ता परिवर्तन की आवश्यकता है।